कुछ दर्द छुपाए रखे हैं, कुछ गम बचाए रखें है
दर्द का समन्दर है मन में,आंसू आंखों में छुपाए रखे है।।
ईश्वर की खबर है मुझे, मंदिर का भी है पता
खुद की मैं खुद नहीं, तो इबादत करू रब की क्या।।
यह जो दर्द है मन में मेरे,इसे सब की नज़रों से बचाए रखना
इस शीशे से मन को मैंने, पत्थरो से बचाए रखा ।।
ए -मेरे मालिक मेरी दुआ है तुझसे, मुझे यूं ही मजबूत बनाए रखना
टूटकर मेरे ख्वाब हो जाएं चूर-चूर, मगर विश्वास मेरे अपनों का बनाए रखना।।
ना रूठे मुझसे कोई कभी,मुझे इस काबिल बनाए रखना
मेरे इस छोटे से दिल की है इच्छा यही,प्यार मेरा यूहीं सब में बनाए रखना ।।
नहीं परवाह मुझे मेरी, चाहे रहे हर ख्वाहिश अधूरी मेरी
बस भर सकूं मैं जख्म किसी के, मुझे ऐसा मरहम बनाए रखना ।।
अगर टूटने लगु में कभी, भिखरने लगे अगर ख्वाहिशे मेरी
मेरे मालिक तू ना रूठना मुझसे कभी, ना छोड़ना मेरा साथ कभी ।।
तू ही मालिक है तू ही मौला मेरा, तेरे सिवा मेरा ना जहान में कोई
में हूं सिर्फ रुबरू तुझे, बाकि खाली है ज़िन्दगी मेरी ।।
गम सेह लूंगी, तन्हा रेह लूंगी ..है मंजूर मुझे हर रजा तेरी
ठोकर भी देना, सीख भी देना ..ना तोड़ना मेरा विश्वास कभी ।।
#दीक्षा