Saturday, 16 June 2018
मेरी मां ।
कौन पड़ेगा मेरी खामोशी को ..।
मुझे हर बार छोटी छोटी , बातो को समझाया करती थी..।
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ज़िन्दगी एक पल की ।
कभी दोस्त तो कभी दुश्मन नजर आती है ज़िन्दगी...। हर रोज एक नई आस जगाती है जिंदगी..।। जिंदगी कभी प्रीतम के प्यार में ... कभ...

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आसमा छू के आने की जिद है मुझे धूप है या घटा है ,मुझे क्या पता आसमा... मुझे अपनी उड़ानों से है वास्ता किस तरफ की हवा है ,मुझे क्या पता।...
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पता है दोस्तो मैंने कई बार लोगो को कहते हुए सुना है यार छोटी छोटी बातों पे गुस्सा हो जाते हो । छोटी छोटी बातें .... आसान हो...
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कभी दोस्त तो कभी दुश्मन नजर आती है ज़िन्दगी...। हर रोज एक नई आस जगाती है जिंदगी..।। जिंदगी कभी प्रीतम के प्यार में ... कभ...
🙏🙏
ReplyDeletekeep smiling .yr. 😀
ReplyDeleteyes...
DeleteHmmm bilkul ji.
DeleteDeep.
ReplyDeleteThanks
Deleteथैंक्स।
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