Tuesday, 31 July 2018

ना बताना मुझे।














अपनी मजबूरियां मत बताना मुझे

तेरा सच भी लगे अब बहाना मुझे।।



 मैं अगर तेरी उल्फत में पागल नहीं

लोग कहते हैं क्यों फिर दीवाना मुझे ।।



अब जमाने की दौलत मिले ना मिले

 मिल गया तेरे गम का खजाना मुझे ।।



नाज मैंने उठाए तेरे उम्र भर

 एक दिन तू भी आके मनाना मुझे ।।



भूल जाऊं तुम्हें तुमने कह तो दिया

 कैसे भूलूं मगर यह बताना मुझे ।।



जो हकीकत में लाना ही मुमकिन ना हो

 ख्वाब ऐसा कोई मत दिखाना मुझे।।




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