अपनी बातों पे खुद गौर कर ले
और सोचे, ये क्या कह रहे है
पहले अपने गरेवा में झाके
जो हमे बेवफा कह रहे है ।।
दिल जो टूटा तो कुछ गम नहीं है
तुमको पहचाना ये कम नहीं है
तुम जिसे जीत कहते हो अपनी
हम उससे ताजुरवा केह रहे है ।।
ज़िन्दगी से बहुत दुरिया है
ज़िंदा रहना भी मजबूरियां है
उनके हालत भी कोई देखे
ज़हर को जो दवा कह रहे है ।।
@अंजुम
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